यमुना नदी को साफ करने के लिए सेवी संगठनों की मदद ली गई
दिल्ली की पानी की जरुरतों को पूरा करने के लिए मुख्य स्रोत यमुना नदी को साफ करने के लिए स्वयं सेवी संगठनों की मदद लेने की वकालत की गयी है।

नयी दिल्ली। दिल्ली की पानी की जरुरतों को पूरा करने के लिए मुख्य स्रोत यमुना नदी को साफ करने के लिए स्वयं सेवी संगठनों की मदद लेने की वकालत की गयी है।
वजीराबाद से ओखला बैरज के 22 किलोमीटर के हिस्से में गंदे नाले के रूप में तब्दील हो चुकी यमुना नदी की सफाई पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणा पत्र में इसे लंदन की “ टेम ” नदी बनाने का संकल्प लिया था लेकिन सरकार में सत्तारूढ़ होने के तीन साल बाद भी इस दिशा में कोई ठोस कदम उठता नजर नहीं आया है।
इन्द्रप्रस्थ चांदनी चौक ब्राह्मण सभा के प्रवक्ता विजय शर्मा ने कहा कि हथिनी कुंड से ओखला बैराज तक यमुना नदी की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। यमुना की सफाई के नाम पर अरबों रुपए खर्च किए जा चुके हैं लेकिन दिल्ली की पानी की जरुरतों के मुख्य स्रोत की दशा में कोई सुधार नजर नहीं आया।
शर्मा ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मांग की है कि नदी की स्वच्छ अविरल धारा के लिए हथिनी कुंड से ओखला बैरज तक नदी के दोनों तरफ समानांतर बड़े नालों का निर्माण किया जाना चाहिए। इन नालों में शहर की गदंगी डाली जाये। ओखला बैरज पर पानी की पुनर्चक्रण करने के लिए बड़े शोधन संयंत्र लगाये जायें।
उन्होंने कहा कि वर्तमान या पूर्ववर्ती सरकारों ने यमुना की सफाई के लिए केवल बड़े- बड़े वादे किए और हजारों करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद नदी की स्थिति दिन ब दिन बदतर होती जा रही है।
उन्होंने कहा है कि यमुना नदी की सफाई के लिए स्वयं सेवी संगठनों का सहयोग लिया जाना चाहिए। श्री शर्मा ने कहा कि सभा इसमें योगदान के लिए तैयार है।


