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सरकार बताए, तीन वर्ष में स्लम बस्तियों के विकास के लिए क्या किया?

श्री गुप्ता ने पूछा कि पिछले तीन वर्षों में स्लम बस्तियों के पुर्नविकास के लिए उन्होंने कितने कामों की शुरुआत की

सरकार बताए, तीन वर्ष में स्लम बस्तियों के विकास के लिए क्या किया?
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नई दिल्ली। मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा उपराज्यपाल से दिल्ली की समस्त स्लम बस्तियों को पुनर्विकसित करने के लिए दिल्ली सरकार को सौंपे जाने की मांग पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और हैं।

उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल इस तरह की मांग करने से पहले ये बताएं कि दिल्ली सरकार ने उन 200 से अधिक झुग्गी झोपड़ी बस्तियों के विकास के लिए क्या किया है जो पहले से ही उनकी सरकार के अधिकार क्षेत्र में हैं।

श्री गुप्ता ने पूछा कि पिछले तीन वर्षों में स्लम बस्तियों के पुर्नविकास के लिए उन्होंने कितने कामों की शुरुआत की। केजरीवाल स्लम बस्तियों के निवासियों को केवल वोट बैंक के लिए इस्तेमाल कर झूठी सहानुभूति दिखा रहे हैं। सरकार ने इन झुग्गी बस्तियों के लिए पिछले तीन वर्षो में कोई काम नहीं किया। केजरीवाल सरकार अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभी नागरिकों को वर्ष 2022 तक घर मुहैया कराने की योजना को दिल्ली में पटरी से उतारने के लिए सभी झुग्गी बस्तियों को केवल अपने राजनितिक लाभ के लिए अपने हाथ में लेने की हवा हवाई बातें कर झुग्गी बस्ती निवासियों को गुमराह कर रही है। केजरीवाल सरकार ने स्लम बस्तियों तथा झुग्गी झोपडिय़ों के निवासियों को केवल वोट बैंक माना है।

भाजपा नेता ने कहा कि दिल्ली सरकार बताये कि दिल्ली के विभिन क्षेत्रों में उनके लिए तैयार खड़े हजारों फ्लैट अभी तकआवंटित क्यों नहीं किये गए जिनकी हालत आंवटन से पहले ही जर्जर हो चुकी है क्योंकि सरकार इनका आवंटन करने में विफल रही है।

श्री गुप्ता ने कहा कि गरीबों को पक्के मकान देने का वायदा कर सत्ता में आयी केजरीवाल सरकार राजधानी के 46 झुग्गी बस्तियों के लगभग 18 हजार परिवारों को उन्हें आवंटित फ्लैट पर कब्जा न देकर उन्हें कर्ज के भीषण जाल में फंसाकर उनके साथ पहले ही जबरदस्त धोखा कर रही है। यदि दिल्ली की सभी स्लम बस्तियां केजरीवाल सरकार को पुनर्विकास के लिए सौंपी जाती हैं तो जनता सोच सकती है की इन झुग्गी बस्तियों के निवासियों की हालत क्या होगी।


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