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संसद में 14वें दिन भी गतिरोध जारी

संसद में गुरुवार को लगातार 14वें दिन भी कोई कामकाज नहीं हुआ और दोनों सदनों में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया

संसद में 14वें दिन भी गतिरोध जारी
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नई दिल्ली। संसद में गुरुवार को लगातार 14वें दिन भी कोई कामकाज नहीं हुआ और दोनों सदनों में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। सदन में इस दौरान अविश्वास प्रस्ताव भी पेश नहीं किया जा सका। इस बीच, सरकार ने गतिरोध समाप्त करने के लिए विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से बातचीत करने की कोशिश की है।

लोकसभा में विपक्षी सदस्य अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अध्यक्ष के आसन के समीप इकट्ठा हो गए, जिस वजह से सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।

अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए सदन को स्थगित कर दिया। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और अखिल भारतीय अन्ना द्रमुक मुनेत्र कड़गम (अन्ना-द्रमुक) के सदस्य सदन के दोबारा शुरू होते ही फिर से अध्यक्ष के आसन के समीप इकट्ठे हो गए।

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव समेत सभी मुद्दों पर बहस के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा, "मैं दोबारा आपसे आपके जगह पर जाने का अनुरोध करता हूं। कृपया सदन को चलने दीजिए। हम सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार हैं। अगर सदन की कार्यवाही चलेगी, तो सभी मुद्दे पर बहस हो सकती है।"

महाजन ने कहा कि वह प्रदर्शन के बीच कार्यवाही आगे नहीं बढ़ा सकती, उन्होंने कहा कि वह सदन में 50 सदस्यों को भी नहीं गिन पा रही है। राज्यसभा में भी लगभग ऐसे ही दृश्य देखने को मिला और सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामे की वजह से इसे दिनभर के लिए स्थगित करना पड़ा।

सरकार हालांकि सदन में मातृत्व अवकाश व ग्रेच्युटी से संबंधित विधेयक पारित करवाने में सफल रही। अन्ना द्रमुक और तेदेपा के सदस्य सभापति के आसन के करीब आ गए और नारे लिखी तख्तियां दिखाकर नारे लगाने लगे। सभापति एम वेंकैया नायडू ने प्रदर्शन कर रहे सदस्यों को उनकी सीट पर बैठने का आग्रह किया।

उन्होंने हंगामे के बीच कहा, "लोग कह रहे हैं कि सभापति सदन को स्थगित क्यों कर रहे हैं। मैं उनसे यह कहना चाहता हूं कि मैं नहीं चाहता हूं कि लोग यह भद्दा दृश्य देखें। यही कारण है कि मैं सदन की कार्यवाही स्थगित कर रहा हूं।" इस बीच, संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने कहा कि यह सबकी जिम्मेदारी है कि सदन को चलने दे।

उन्होंने कहा, "जिस तरह से ग्रेच्युटी विधेयक पास हुआ है, अन्य विधेयक को भी पास किया जाना चाहिए। सरकार सभी मुद्दों पर बहस के लिए तैयार है।" एक समय हंगामे के बीच गोयल और नायडू दोनों को एकसाथ बोलते हुए देखा गया।

इससे पहले राज्यसभा में श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार द्वारा पेश पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी(संशोधन) विधेयक बिना किसी बहस के ध्वनिमत से पारित किया गया। लेकिन जैसे ही विधेयक पारित हुआ विपक्षी पार्टी के सदस्य सभापति के आसन के समीप आकर नारे लगाने लगे।

बाद में गोयल को विपक्षी पार्टियों के नेताओं से बातचीत करने का कार्य सौंपा गया। उन्होंने इसी क्रम में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद से संक्षिप्त चर्चा की और कहा कि वह दोबारा इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा के लिए उनसे मुलाकात करेंगे।

मंत्री ने कहा कि वह तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), अखिल भारतीय अन्ना द्रमुक मुनेत्र कड़गम (अन्ना-द्रमुक) और अन्य पार्टी नेताओं से भी मुलाकात करेंगे।


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