Top
Begin typing your search above and press return to search.

आरबीआई नीतिगत दरों में करे कटौती : एसोचैम

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगले सप्ताह मौद्रिक नीति समीक्षा करने वाली है और उससे ठीक पहले देश के अग्रणी उद्योग मंडल एसोचैम ने आरबीआई से ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती करने का आग्रह किया है

आरबीआई नीतिगत दरों में करे कटौती : एसोचैम
X

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगले सप्ताह मौद्रिक नीति समीक्षा करने वाली है और उससे ठीक पहले देश के अग्रणी उद्योग मंडल एसोचैम ने रविवार को आरबीआई से ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती करने का आग्रह किया है।

एसोचैम ने हाल ही में सामने आए उन आंकड़ों के मद्देनजर आरबीआई से यह अनुरोध किया है, जिसके अनुसार देश की महंगाई दर पांच वर्षो के दौरान सबसे नीचे रही और फैक्टरी आउटपुट जबरदस्त रहा।

एसोचैम ने एक वक्तव्य जारी कर कहा है, "पांच साल में महंगाई दर के न्यूनतम स्तर और फैक्टरी आउटपुट की घोषणा के मद्देनजर एसोचैम ने आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल से अनुरोध किया है कि दो अगस्त को जब आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक हो तो मजबूत संदेश देते हुए आरबीआई नीतिगत ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती का फैसला करे।"

एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने आरबीआई गवर्नर को लिखी चिट्ठी में कहा है, "लंबे समय तक रेपो रेट में कोई बदलाव न करने के बाद एसोचैम का मानना है कि आरबीआई नीतिगत दरों में कटौती कर सकती है।"

जून, 2017 में भारत की महंगाई दर घटकर 1.54 फीसदी रह गई। वहीं औद्योगिक उत्पादन आंकड़ों के मुताबिक मई, 2017 में फैक्टरी उत्पादन विकास दर घटकर 1.7 फीसदी रह गया, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह आठ फीसदी था।

एसोचैम ने कहा है, "थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) भी 2.17 फीसदी से घटकर 0.9 फीसदी हो गया। खाद्य महंगाई दर के भी 2.12 फीसदी से घटकर 0.31 फीसदी रह जाने से आरबीआई को कटौती करने में सहूलियत होगी। मानसून में अच्छी बारिश की भविष्यवाणी से खाद्य महंगाई में कमी आने की संभावना को बल मिला है।"

आरबीआई ने सात जून को दूसरे द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान भी दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया था।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it