राजस्थान सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2018 पारित
राज्य विधानसभा में आज राजस्थान सहकारी सोसाइटी ( संशोधन) विधेयक, 2018 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया

जयपुर। राज्य विधानसभा में आज राजस्थान सहकारी सोसाइटी ( संशोधन) विधेयक, 2018 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
इससे पहले सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया। उन्होंने विधेयक के बारे में बताते हुए कहा कि सहकारी अधिनियम में वर्ष 2016 में हुए संशोधन के पश्चात् अब सहकारी संस्थाओं के निर्वाचित संचालक एवं अध्यक्ष आगामी दो अवधियों के लिए लगातार उसी सोसायटी में निर्वाचित हो सकेंगे। यह प्रावधान उन निर्वाचित प्रतिनिधियों पर लागू होगा जिनका निर्वाचन वर्ष 2016 में हुए संशोधन के पश्चात हुआ है।
श्री किलक ने वर्ष 2016 में सहकारिता अधिनियम की धारा 28 में संशोधन कर धारा 28(7-क) को जोड़ने पर किए गए प्रावधान को स्पष्ट करते हुए बताया कि धारा 28(7-क) में यह संशोधन प्रस्तावित किया है कि अब कोई भी व्यक्ति सोसायटी के संचालक मण्डल में वर्ष 2016 में हुए अधिनियम संशोधन के बाद लगातार उसी सोसायटी में दो अवधियों से अधिक के लिए चुनाव नहीं लड़ सकेंगे तथा उन्हें दो अवधियों के बाद एक बार विराम लेना होगा। उन्होंने बताया कि यह प्रावधान वर्ष 2016 में हुए संशोधन के पश्चात् निर्वाचित होने वाले संचालकों पर ही लागू होगा।


