एनएसयूआई ने लिया संयुक्त सचिव पद परिणाम को हाईकोर्ट में चुनौती देने का फैसला
कांग्रेस ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डुसू) चुनाव की मतगणना में संयुक्त पद पर धांधली का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय जाने का फैसला किया है
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डुसू) चुनाव की मतगणना में संयुक्त पद पर धांधली का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय जाने का फैसला किया है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने आज यहां प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से कहा कि मतगणना में संयुक्त सचिव पद के हुए चुनाव की मतगणना में धांधली के कारण पार्टी की छात्र इकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने मतों की गिनती दोबारा कराने की मांग की जिसे स्वीकार नहीं किया गया। पार्टी इस मुद्दे को लेकर उच्च न्यायालय जाएगी।
माकन ने कहा कि हर वर्ष मतदान शुक्रवार या शनिवार को रखा जाता था ताकि छात्र अवकाश के दिनों में मतदान के लिए आसानी से आ सकें। उन्होंने कहा कि लेकिन इस बार जानबूझकर चुनाव मंगलवार को कराये गये। भाजपा ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत ऐसा किया ताकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 11 सितम्बर के एक कार्यक्रम
के भाषण को सुन सकें तथा उससे प्रभावित होकर एबीवीपी के पक्ष में मतदान करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले चुनाव की तारीख नौ सितंबर यानी शनिवार को तय की थी लेकिन भाजपा के दबाव में इसे बदला गया है।
उन्होंने कहा कि कई मतदान स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे भी ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे थे। गौरतलब है कि डुसू मतगणना के परिणाम के शुरुआत में एनएसयूआई को अध्यक्ष,उपाध्यक्ष तथा संयुक्त सचिव के पदों पर विजयी घोषित किया गया था लेकिन बाद में अंतिम परिणाम के समय में दो पदों सचिव तथा संयुक्त सचिव पर एबीवीपी के उम्मीदवारों के जीत की घोषणा हुई। परिणामों की घोषणा के बाद एनएसयूआई ने संयुक्त सचिव पद पर दोबारा मतगणना करने की मांग की लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने उनकी इस मांग को अस्वीकार कर दिया।
छात्र संघ के लिये कल मतदान हुआ था। मतदान में कुल 1.32 लाख छात्रों में से 42.8 प्रतिशत छात्रों ने वोट डाले थे। मतगणना किंग्सवे कैंप के निकट समुदाय भवन में हुई। पिछले साल एबीवीपी ने चार में से तीन पदों पर जीत हासिल की थी। वर्ष 2015 के चुनाव में एबीवीपी को सभी चारों स्थानों पर जीत मिली थी। एनएसयूआई ने 2007 में सभी चारों सीट पर जीत दर्ज की थी।


