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नदियों में गाद प्रबंधन की राष्ट्रीय नीति बने : सुशील मोदी

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां गुरुवार को कहा कि नदियों में गाद प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय नीति बननी चाहिए

नदियों में गाद प्रबंधन की राष्ट्रीय नीति बने : सुशील मोदी
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पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां गुरुवार को कहा कि नदियों में गाद प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय नीति बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार की पहल पर भारत सरकार ने गाद समस्या के अध्ययन के लिए एक समिति का गठन किया है। पटना में जलसंसाधन विभाग द्वारा गंगा समेत नदियों में गाद की समस्या पर आयोजित सम्मेलन के उद्धघाटन सत्र को संबोधित करते हुए

उपमुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार की गरीबी, पिछड़ेपन और पलायन का मुख्य कारण हर साल आने वाली बाढ़ है। गाद के कारण बाढ़ का फैलाव क्षेत्र बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक साल बाढ़ से राहत व बचाव कार्य पर सरकार को काफी धन खर्च करना पड़ता है, जिससे विकास के अन्य कार्य प्रभावित होते हैं।

मोदी ने कहा, "हाल के वर्षो में बिहार की सभी नदियों में गाद का काफी जमाव हुआ है। बूढ़ी गंडक को छोड़कर कर बिहार की सभी नदियों का उद्गम नेपाल है। हाल के दिनों में नेपाल में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई हुई है जिसके कारण बरसात के दिनों में वहां से आने वाली नदियां अपने साथ काफी मात्रा में गाद लेकर आती हैं और बिहार के समतल इलाके में उसे छोड़ देती हैं।"

उन्होंने कहा कि नदियों में जगह-जगह 15-20 फीट तक के टीले बन जाते हैं, जिससे नदियों का जलप्रवाह बाधित होता है। इस कारण नदियां अपना रास्ता बदल रही है और नए-नए क्षेत्रों में बाढ़ से परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि जलवायु बदलाव के कारण भी कई तरह की परेशानियां पैदा हुई है। पिछले साल एक महीने में जितनी बारिश होती है उतनी तीन दिनों में अररिया और किशनगंज के इलाके में हुई जिससे वहां के लोगों को बाढ़ की भारी तबाही झेलनी पड़ी।


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