दिल्ली में चार लाख से अधिक फर्जी राशन कार्ड
''देश की राजधानी में चार लाख से अधिक राशन कार्ड फर्जी हैं और फर्जी राशन कार्डों की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच की जाए व जिन लोगों के पास फर्जी राशन कार्ड हैं

नई दिल्ली। ''देश की राजधानी में चार लाख से अधिक राशन कार्ड फर्जी हैं और फर्जी राशन कार्डों की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच की जाए व जिन लोगों के पास फर्जी राशन कार्ड हैं सरकार उन्हें दण्डित करे और जरूरतमंदों को सस्ता राशन उपलब्ध कराए।’’दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने राज्य सरकार से यह मांग करते हुए कहा कि सरकार की जानकारी में राशन माफिया कार्य कर रहा है। राशन माफिया पर काबू पाने में विफल सरकार डोर स्टेप डिलिवरी सिस्टम के नाम पर अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहती है।
उन्होंने कहा कि इस सिस्टम के जरिए राशन माफिया को फायदा पहुंचाना चाहती है। राशन वितरण मामले में सरकार पूरी तरह विफल रही है। इसीलिए अफसरों को जिम्मेदार ठहराकर अपना दामन बचाना चाहती है। खाद्य विभाग के आंकड़ों का हवाला देते हुए श्री गुप्ता ने बताया कि दिल्ली में कुल 73 लाख लोगों को सस्ता राशन प्राप्त होता है। यहां 19.50 लाख राशन कार्ड धारक हैं। फर्जी कार्ड धारकों पर रोक लगाने के लिए राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक कराया गया है। जनवरी 2018 में 15.15 लाख राशन कार्ड धारकों ने सस्ते राशन की दुकानों से अपना राशन लिया है। फरवरी 2018 में भी 15.15 लाख राशन कार्ड धारकों ने अपने कोटे का राशन प्राप्त किया।
चार लाख से अधिक लोगों ने न तो जनवरी में और न ही फरवरी में अपने राशन कार्ड पर सस्ता राशन उठाया। नियमानुसार जो राशन कार्ड धारक तीन महीने तक लगातार राशन नहीं लेता उसका राशन कार्ड निरस्त कर दिया जाता है। जिन चार लाख लोगों ने अपना राशन नहीं लिया है ये ही वे लोग हैं जिन्हें सस्ते राशन की जरूरत नहीं है। राशन माफिया और सरकार की मिलीभगत के कारण दिल्ली में फर्जी राशन कार्डों का खेल चल रहा है। सरकार इसे रोक पाने में विफल रही है। श्री गुप्ता ने आशंका व्यक्त की कि डोर स्टेप डिलिवरी सिस्टम लागू करने के बाद कहीं गरीबों का राशन कालाबाजारियों तक सीधे न पहुंचा दिया जाए।


