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कर्ज मुक्ति और डेढ़ गुना दाम के लिए किसान संगठनों की देशव्यापी अभियान की तैयारियां तेज

मंदसौर में किसानों पर गोलीकांड का एक महीना पूरा होने पर देश के लगभग 200 किसान संगठन किसान मुक्ति यात्रा का आयोजन शुरू करने की तैयारी में हैं

कर्ज मुक्ति और डेढ़ गुना दाम के लिए किसान संगठनों की देशव्यापी अभियान की तैयारियां तेज
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नई दिल्ली। मंदसौर में किसानों पर गोलीकांड का एक महीना पूरा होने पर देश के लगभग 200 किसान संगठन किसान मुक्ति यात्रा का आयोजन शुरू करने की तैयारी में हैं और छह जुलाई को मंदसौर से मार्च शुरू होकर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से होते हुए 18 जुलाई को दिल्ली पंहुचेगा। रास्ते में यह यात्रा बारदोली और खेड़ा जैसे किसान आंदोलन के ऐतिहासिक स्थलों पर भी जायेगा। दिल्ली में यह मार्च जंतर मंतर पर एक मोर्चे का स्वरूप ले लेगा।

किसानों ने साफ कर दिया है कि यह अभियान तब तक चलेगा जब तक कर्ज मुक्ति, लागत से डेढ़ गुना दाम की मांगे पूरी न हो जाएं।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के तत्वावधान में चल रही तैयारियों पर किसान नेता बताते हैंकि मंदसौर गोलीकांड के बाद देश के सभी किसान आंदोलनों को एकजुट करने के उद्देश्य से 16 जून को दिल्ली में बने इस मंच में अब तक लगभग 200 किसान संगठन और समन्वय जुड़ गए हैं।

समिति के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए संयोजक वीएम सिंह ने कहा मंच का पहला काम आज देश भर में उभरे किसान विद्रोह को मजबूत करना और उसे स्पष्ट दिशा देना है। देश भर के किसान आंदोलन के दो सर्वमान्य और तात्कालिक मुद्दे हैं: लाभकारी मूल्य और कर्ज-मुक्ति।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति इन दो मांगो को लेकर आर-पार के संग्राम के लिए एक देशव्यापी अभियान चलाएगी। यह आंदोलन सामूहिक नेतृत्व, लोकतांत्रिक पद्धति और अहिंसा के आधार पर चलाया जायेगा।

उन्होंने बताया कि देश भर के किसान आंदोलन का यह समन्वय एक ऐतिहासिक घड़ी में बना है। आज किसान विद्रोह पर उतर आया है, महाराष्ट्र के किसानों की अभूतपूर्व हड़ताल और मंदसौर के किसानों की शहादत ने किसान आंदोलन को एक नयी ऊर्जा दी है। किसान और उनके स्थानीय संगठन अपनी बुनियादी मांगों को लेकर अपने तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान की ताकत की एक झलक भर से सरकारें, पार्टियां सब किसान के मुद्दों पर ध्यान देने के लिए मजबूर हुए हैं। यह किसान विद्रोह देश के किसान के जीवन में बुनियादी परिवर्तन ला सके इसके लिए यह अनिवार्य है कि किसान की बिखरी शक्ति को एक सूत्र में बांधा जाए, एक देशव्यापी किसान आंदोलन की व्यवस्थित तैयारी से आंदोलन अपने लक्ष्य तक पहुंचेगा।


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