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भारत उड्डयन क्षेत्र में अपार वृद्धि को तैयार : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि बीते एक साल के दौरान 900 से ज्यादा विमानों के पोस्टिंग आर्डर आने वाले सालों में भारत में उड्डयन क्षेत्र में भारी वृद्धि की तैयारी को दिखाता है

भारत उड्डयन क्षेत्र में अपार वृद्धि को तैयार : प्रधानमंत्री
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रायगढ़ (महाराष्ट्र)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि बीते एक साल के दौरान 900 से ज्यादा विमानों के पोस्टिंग आर्डर आने वाले सालों में भारत में उड्डयन क्षेत्र में भारी वृद्धि की तैयारी को दिखाता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में देश में करीब 450 विमानों का संचालन किया जाता है, लेकिन यह संख्या अगले कुछ सालों में 900 से ज्यादा विमानों की तैनाती के साथ तिगुनी हो जाएगी।

प्रधानमंत्री ने यह बात 16,000 करोड़ रुपये की लागत से नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे की आधारशिला रखने के दौरान कही, "दुनिया भर में उड्डयन क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है..हम इसमें पीछे रहने का जोखिम नहीं ले सकते। देश में 70 सालों से कोई विमानन नीति नहीं है, जिसके लिए हमने हाल में देश के सुदूरवर्ती कोनों से सस्ती दरों पर समग्र संपर्क सुविधा मुहैया का क्रियान्वयन किया है।"

उन्होंने साथ ही जवाहरलाल नेहरू पत्तन न्यास पर देश के पहले कंटेनर टर्मिनल का उद्घाटन भी किया। यह टर्मिनल 4,719 करोड़ रुपये की लागत से बना है।

उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि हवाई-चप्पल पहनने वाले लोग हवाई-जहाज में उड़ने में समर्थ हों.. उड्डयन क्षेत्र में साढ़े तीन गुना से ज्यादा रिटर्न देने की बड़ी क्षमता है। हम सौ रुपये के निवेश से एक साथ व्यापार व वाणिज्य, लोगों के आवागमन, पर्यटन व समग्र विकास को बढ़ावा देकर 350 रुपये प्राप्त कर सकते हैं।"

इस मौके पर महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.वी.राव, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, अशोक गजपति राजू व रामदास आठवले व राज्य मंत्रियों सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

बंदरगाहों के विकास, सागरमाला परियोजना व मुंबई व नवी मुंबई की स्थलीय परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि देश को प्रगति के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे की जरूरत है।

उन्होंने कहा, "हम बंदरगाह से जुड़े विकास पर काम कर रहे हैं और महज बंदरगाह विकास ही नहीं, हमने भारत में परिवहन के लिए 100 से ज्यादा जगमार्गो की पहचान की है, जो कम लागत वाले व पर्यावरण के अनुकूल होंगे।"

भारत का पहला ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा परियोजना यानी नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा आर्थिक राजधानी मुंबई में दूसरा अंतर्राष्ट्रीय उड्डयन केंद्र होगा। वर्तमान में छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से सेवाएं दी जाती हैं, जो अपनी क्षमता की अधिकतम स्थिति पर काम कर रहा है।

नए हवाईअड्डे का निर्माण जीवीके पॉवर व इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (जीवीकेपीआईएल) द्वारा सिटी व इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (सीआईडीसीओ) के साथ आठ जनवरी को हुए समझौते के अनुसार किया जाएगा। सीआईडीसीओ महाराष्ट्र की नोडल ऑथारिटी है, जो महाराष्ट्र की परियोजनाओं के क्रियान्वयन को देखती है।

इस समझौते के तहत नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा प्राइवेट लिमिटेड (एनएमआईएएल) का गठन किया गया है, जिसमें जीवीकेपीआईएल की आनुषांगिक संस्था, मुंबई इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के पास 74 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि बाकी की सीआईडीसीओ के पास है।

महाराष्ट्र के इस जिले में जवाहरलाल नेहरू पत्तन न्यास के चौथे कंटेनर टर्मिनल (एफसीटी) के प्रथम चरण को रिकॉर्ड समय में 4,719 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया है।

मोदी ने अक्टूबर 2015 में इस टर्मिनल की आधारशिला रखी थी, जिससे जेएनपीटी के वर्तमान कंटेनर को संभालने की क्षमता दोगुनी हो जाएगी।

एफसीटी पहले चरण में हर साल 24 लाख कंटेनर की क्षमता जोड़ेगा और दूसरे चरण के 2022 में पूरा होने पर क्षमता चार गुनी होकर 100 लाख कंटेनर प्रति साल हो जाएगी।


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