उर्दू विकास के लिए भारत में सरकार जितनी धनराशि देती है उतनी पाकिस्तान में नहीं मिलती: सैयद अली करीम
नेशनल काउंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ उर्दू के निदेशक सैयद अली करीम ने आज यहां कहा कि उर्दू विकास के लिए भारत में सरकार जितनी धनराशि देती है उतनी पाकिस्तान में नहीं मिल

जयपुर। नेशनल काउंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ उर्दू के निदेशक सैयद अली करीम ने आज यहां कहा कि उर्दू विकास के लिए भारत में सरकार जितनी धनराशि देती है उतनी पाकिस्तान में नहीं मिलती।
उर्दू अकादमियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए सैयद करीम ने कहा कि उर्दू विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है, सरकार इतना पैसा देती है जितना पाकिस्तान में भी नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि भाषा के विकास की जिम्मेदारी सरकारों की नहीं होती बल्कि लोगों को खुद इस बारे में प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों में अपनी भाषा के संस्कार नहीं डालने से बोलचाल की भाषा मिश्रित और अस्पष्ट हो गई है।
उन्होंने कहा कि उर्दू बोलते सब हैं लेकिन पढ़ते नहीं है, यही वजह है कि पिछले एक दशक में उर्दू भाषा के हालात खराब हुए हैं। उर्दू ऐसी जुबान है जो दिल को छूती है तथा यह मजहब से ऊपर है।
हरियाणा उर्दू अकादमी के निदेशक नरेन्द्र कुमार ने कहा कि उर्दू साहित्य के प्रचार प्रसार से ही इस भाषा का विकास होगा। हरियाणा में उर्दू विकास के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं। इस अवसर पर राजेन्द्र सिंह शेखावत ने मंच पर बैठे अतिथियों को उर्दू में गीता की प्रतियां भेंट की। कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी उर्दू के विकास के संबंध में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता बताईं।


