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मेट्रो का बढ़ा किराया : दिल्ली विधानसभा में जोरदार बहस

मेट्रो के किराया बढ़ाने के मामले पर दिल्ली विधानसभा में आज जोरदार बहस हुई

मेट्रो का बढ़ा किराया : दिल्ली विधानसभा में जोरदार बहस
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नई दिल्ली। मेट्रो के किराया बढ़ाने के मामले पर दिल्ली विधानसभा में आज जोरदार बहस हुई। भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा और ओमप्रकाश शर्मा ने जहां सत्तापक्ष को वृद्धि पर कठघरे में खड़ा किया वहीं सत्तारूढ़ दल ने मेट्रो द्वारा की गई वृद्धि की जांच के लिए विधानसभा की नौ सदस्यीय कमेटी का प्रस्ताव रखा जिसे बहुमत के साथ पारित कर दिया गया। सत्तापक्ष ने वृद्धि के लिए विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि टैक्सियों के व्यापार बढ़ाने के लिए मेट्रो को पंगु बना कर विनिवेश की ओर धकेला जा रहा है।

दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने संकल्प चर्चा के जवाब में बताया कि दिल्ली मेट्रो रेल निगम के बोर्ड की बैठक बीती शाम हुई जिसमें वृद्धि पर मुहर लगा दी व हम 10 दिनों से लड़ रहे हैं कि किराये न बढे, उम्मीद थी कि इंसानियत के नाते किराये न बढ़े लेकिन बोर्ड मीटिंग में लोकतांत्रिक स्तर पर कोई कार्यवाई नहीं हुई।

उन्होंने बताया कि जब सत्येंद्र जैन परिवहन मंत्री थे, तब भी पत्र लिखे कि किराया न बढ़ाया जाएतो विपक्ष कैसे कह रहा है कि हमने कुछ प्रयास नहीं किया।

इससे पूर्व आप विद्यायको ने आरोप लगाए कि केंद्र सरकार ने टैक्सी कंपनियों ओला, उबर को लाभ पहुंचाने के लिए वृद्धि की है। आप के करीबन दर्जन भर विधायकों ने केंद्र सरकार को घेरा तो वहीं

भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने वृद्धि को सरकार की ढाई साल में सबसे बड़ी नाकामी बताते हुए कहा कि आप सरकार, विधायक कितने गम्भीर हैं यब पता चलता है कि 66 विधायक हैं इसके बावजूद आधा घंटा कोरम पूरा नहीं हों सका। यहां दिल्ली के लोगों की कि चिंता नहीं कि जाती यहाँ सिर्फ भाषण दिया जाता है। मेट्रो फेयर बढ़ाने का 3 चीज़ मेंबर ने भी माना। किराया निर्धारण समिति में सरकार के नॉमिनी ने किसके कहने पर ओला, उबेर को फायदा पहुचाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अखबार में खबरें आने पर छह महीने बाद जागी है। यही काम आपने छह महीने पहले किया होता तो दिल्ली वालों को इसका खामियाजा नहीं भुगतना पड़ता। सिरसा ने आप सरकार पर कम्पनियों से सांठगांठ के आरोप स्थापित करते हुए कहा कि जब दिल्ली की मुख्यमंत्री शिला दीक्षित थी तब 300 करोड़ रुपये प्राइवेट बिजली कंपनियों को दिया जाता था सब्सिडी के तौर पर।

अब उसी रिलायंस को सरकार 4 हज़ार करोड़ सब्सिडी के तौर पर दे रही है। मेट्रो एक्ट के अनुसार नुकसान की भरपाई का जिम्मा इसलिए दिल्ली सरकार पर दिया गया था कि सरकार आम लोगों पर बोझ न बढ़ने दे।

सिरसा ने सवाल किया कि ढाई साल तक सरकार ने क्यों किराया बढ़ोतरी को रोक कर रखा। सिरसा ने पूछा कि आपने ढाई साल तक कैसे उस प्रबन्ध निदेशक को एक्सटेंशन क्यों दिया।

कल चार सदस्यों ने जब मीटिंग में मामला उठाया तो क्या पिछली मीटिंग में मुह में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने फेविकॉल डाल कर भेजा था कि कुछ मत बोलना।

ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन सदन में कहा कि अरविंद केजरीवाल ने एयरपोर्ट मेट्रो का किराया घटाया। इस पर सिरसा ने पूछा कि एयरपोर्ट मेट्रो में तो रईस लोग चलते हैं आप दिल्ली मेट्रो का किराया कम नहीं करते क्योंकि ओला, उबेर को फायदा पहुँचाना था।

भाजपा विधायक ने कहा कि चीफ सेक्रेटरी के द्वारा केजरीवाल जिनको रिपोर्ट दी जाती है पर उसे छह महीने तक मुख़्यमंत्री दबा कर बैठे रहे। आप अपने दायित्व से भाग इसलिए क्योंकि बिजली कंपनियों से कमीशन आता है मेट्रो से कुछ नहीं मिलने वाला। उन्होंने जोरदेकर कहा कि

मेट्रो का किराया नहीं बढ़ना चाहिए।सरकार को बिजली कंपनियों को 4 हज़ार करोड़ का ग्रांट दे सकती है तो 3 हज़ार करोड़ मेट्रो को क्यों नहीं दी जा सकती।

भाजपा विधायक ओमप्रकाश शर्मा ने सीधे हमला किया और कहा कि एयरपोर्ट मेट्रो में हजारों करोड़ का लेनदेन हुआ और आप 50 फीसद के हिस्सेदार हैं तो दिल्ली सरकार बताये उसे कितना क्या मिला। उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली का मालिक कहने पर कहा कि वे दिल्ली के केयर टेकर हैं और केयर टेकर को जब ऐसा भरम होगा तो ऐसे ही हालात होंगे। बेहतर हो कि दिल्ली में पानी, सीवर जैसी मूलभूत सुविधाओं पर भी सदन की बैठक बुलाई जाए।

संकल्प को आप विधायक संजीव झा ने शुरू किया और इस पर ऊर्जा मंत्री सत्येन्द्र जैन ने सम्पत्ति विकास सहित अन्य स्रोतों से आय पर जोर दिया।

अंत में आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती ने प्रस्ताव रखा कि सदन मेट्रो किराया वृद्धि की जांच के लिए एक नौ सदस्यीय कमेटी बनाई इस पर बहुमत के साथ प्रस्ताव को पारित कर दिया गया। अब एक दिन और समय बढ़ते हुए तय किया गया है कि सदन में बुधवार को उपराज्यपाल के संदेश पर चर्चा होगी।


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