भाजपा नेता की हत्या में शामिल फरार अरोपियों की होगी कुर्की
बिसरख कोतवाली पुलिस ने भाजपा नेता की हत्या के मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ जिला न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिए है

ग्रेटर नोएडा। बिसरख कोतवाली पुलिस ने भाजपा नेता की हत्या के मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ जिला न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिए है। पुलिस ने फरार चल रहे आरोपियों पर 50 हजार रुपए का ईनाम घोषित कर दिया है साथ ही फरार होने वाले आरोपियों ने आत्मसमर्पण नहीं किया तो पुलिस कुर्की की कार्रवाई करेगी। फरार आरोपियों में कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी का सगा भाई व भतीजा भी शामिल है।
गौरतलब है कि बिसरख कोतवाली क्षेत्र में तिगरी गांव के पास 16 नवम्बर 2017 को बाइक सवार बदमाशों ने भाजपा नेता शिव कुमार यादव, उनके गनर रहीसपाल व चालक बलिनाथ की गोली मार कर हत्या कर दी थी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए कई जिलों में दबिश दी थी। इस मामले में एसटीएफ ने 4 दिसम्बर को हत्या का खुलासा करते हुए हत्या का साजिशकर्ता व मुख्य आरोपी अरुण यादव, पूरे मामले में रेकी करने वाले धर्मदत्त शर्मा व शूटर नरेश तेवतिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
पुलिस ने बताया कि मामले में अरुण यादव ने अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए कुख्यात बदमाश सुंदर भाटी के भतीजे अनिल भाटी को 10 लाख रुपए की सुपारी देकर शिव कुमार की हत्या कराई थी। इसके बाद पुलिस ने 22 दिसम्बर को 25 हजार रुपए के इनामी हत्यारोपी अनिरूद्ध भारद्वाज उर्फ अन्नी उर्फ पंडित निवासी मुजफ्फनगर को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।
जबकि घंघोला निवासी सुंदर भाटी का भाई सहदेव भाटी व भतीजा अनिल भाटी पुत्र सहदेव भाटी के साथ शेरू भाटी, प्रदीप उर्फ भोला व अमर उर्फ राजकुमार अभी तक अरेस्ट नहीं हो सके हैं। पुलिस ने इन सभी पर 50-50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। बिसरख कोतवाली के प्रभारी अजय शर्मा ने बताया कि जिला न्यायालय कोर्ट में शुक्रवार को मामले की सुनवाई थी। कोर्ट ने फरार चल रहे सभी आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है और गिरफ्तारी नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
भाजपा नेता के भाई की हटाई गई सुरक्षा
बिसरख कोतवाली क्षेत्र के तिगरी गांव में भाजपा नेता शिवकुमार यादव की हत्या के मामले मे उनके मामले में पैरवी करने वाले भाई की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों को अचानक हटा लिया गया। पीड़ित ने इस संबंध में जिला अधिकारी व एसएसपी को फोन किया लेकिन किसी ने भी जबाव नहीं दिया। पीड़ित ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि उनको कुछ हुआ तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
बिसरख कोतवाली के तिगरी गांव में भाजपा नेता शिव कुमार यादव की हत्या के मामले में पैरवी करने वाले उनके भाई योगेश कुमार ने बताया कि वारदात के बाद से ही उनकी जान को खतरा बना हुआ है। शातिर गिरोह का हाथ होने के कारण उन पर कभी भी जानलेवा हमला हो सकता है। इसके चलते उनकी सुरक्षा को तीन पुलिसकर्मी दिए गए थे लेकिन बुधवार को बिना कोई जानकारी दिए उनकी सुरक्षा हटा दी गई।
वहीं प्रशासन उनके असलाह लाइसेंस की फाइल को भी लटकाए हुई है। प्रशासनिक अधिकारी चार के बजाय एक असलाह लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। योगेश कुमार का कहना है कि उन्होंने सुरक्षा वापस लेने के संबंध में आलाधिकारियों को फोन किया लेकिन फोन नहीं उठाया। योगेश का आरोप है कि उनके परिवार के सीबीआई जांच की मांग करने पर पुलिस ने सुरक्षा हटाई है। मामले में एसएसपी और जिलाधिकारी कार्यालय में पत्र देकर कहा है कि अगर उनके साथ कोई अनहोनी होती है, तो इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा।


