अतिथि शिक्षक भर्ती मुद्दा: उपराज्यपाल-सिसोदिया के बीच पत्र वार?
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कल राजनिवास में अतिथि शिक्षक के मुद्दे पर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की और इसके बाद उन्होंने पत्र लिखकर कहा कि उच्च न्यायालय ने कहा

नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कल राजनिवास में अतिथि शिक्षक के मुद्दे पर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की और इसके बाद उन्होंने पत्र लिखकर कहा कि उच्च न्यायालय ने कहा था कि मैं और आप इस मुद्दे को सुलझाएं। मैंने जब आपसे चर्चा करनी चाहिए तो आपने अनिच्छा जताई व कहा कि इस पर चर्चा की गुंजाइश ही नहीं है। यहां विकल्प है कि एक तरफ उसी शैक्षणिक योग्यता के साथ अनुभवी शिक्षक हैं तो दूसरी ओर शैक्षणिक योग्यता वाले शिक्षक हैं इसलिए मैं चाहूंगा कि मैं आपसे इस पर अपना मंतव्य बदलने की उम्मीद से आपको पत्र लिख रहा हूं।
जवाब में उपराज्यपाल ने भी कहा कि उपमुख्यमंत्री को बताया गया है कि मामले को विस्तृत रूप से जांचने, विस्तृत कानूनी सलाह के बाद यह तय किया गया कि कैंडिडेट को अंकों में छूट देने से संविधान के अनुछेद 14 और 16 के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन होगा। कानूनी जानकारों, सचिव और वरिष्ठ कानून अधिकारी भी भर्ती प्रक्रिया में अंको में छूट देने के विरूद्ध हैं। उच्च न्यायालय के 11 दिसम्बर 2017 के निर्देशानुसार 1133/2016 सोशल ज्यूरिस्ट ए लॉयर्स ग्रुप बनाम धर्मेन्द्र शर्मा एवं अन्य में डीएसएसएसबी द्वारा 9232 पदों के संदर्भ में विज्ञापन जारी हो चुका है और 15 सितम्बर 2018 तक यह प्रक्रिया पूरी होनी है। आज की तिथि तक इन पदो के लिए लगभग 5.5 लाख आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
उपराज्यपाल ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि शिक्षकों के खाली पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है और यह शीघ्र पूरी हो जाएगी। उपराज्यपाल ने कहा कि अतिथि शिक्षकों को डीएसएसएसबी की परीक्षा में शामिल होने के लिए उम्र में पहले ही छूट दे दी गई है। उन्होंने सभी उम्मीदवारों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि खुली प्रतिस्पर्धा प्रक्रिया के माध्यम से अच्छे उम्मीदवार शिक्षक के रूप में चयनित होंगे।


