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सरकार को हर मुद्दे पर जनता का फीडबैक लेकर चलना चाहिए: मोहन भागवत

 राष्ट्रीय स्वयंसेक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने जहां एक ओर डोकलाम विवाद को सुलझाने तथा रोहिंग्या और कश्मीर मुद्दे पर अपनाए गए रुख के लिए मोदी सरकार की सराहना की है

सरकार को हर मुद्दे पर जनता का फीडबैक लेकर चलना चाहिए: मोहन भागवत
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नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने जहां एक ओर डोकलाम विवाद को सुलझाने तथा रोहिंग्या और कश्मीर मुद्दे पर अपनाए गए रुख के लिए मोदी सरकार की सराहना की है तो वहीं दूसरी अोर आर्थिक नीतियों से लेकर हर अहम फैसलों पर जनता का फीडबैक लेकर चलने की नसीहत भी दी है। संघ प्रमुख आज नागपुर में विजयादशमी के उपल्क्ष्य में आयाेजित वार्षिक उत्सव के अवसर पर बोल रहे थे। इस मौके पर भागवत ने सरकार की कयी मोर्चों पर कामयाबी की सराहना करते हुए कहा कि पिछले 70 साल में पहली बार दुनिया का ध्यान भारत की ओर गया है। सीमाएं पहले से ज्यादा सुरक्षित हुयी हैं।

डोकलाम विवाद को सम्मानजनक तरीके से सुलझाया गया है। यह सब तो ठीक है लेकिन आर्थिक मोर्चे पर ज्यादा सतर्कता की आवश्यकता है। उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि आर्थिक सुधार और नीतियां बनाते समय जमीनी हकीकत को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने आर्थिक विशेषज्ञों,सलाहकारों और नीति निर्धारकों से अनुरोध करते हुए कहा कि वह अर्थशास्त्र की पुरानी परिपाटियों को पीछे छोड़कर व्यावहारिक सोच अपनाएं और देश की जमीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए आर्थिक नीतियां तय करें।

उन्होंने कहा ‘ आज हमें एेसी आर्थिक नीति की दरकार है जो सिर्फ बड़े उद्योगपतियों के फायदे की न हों बल्कि जिसमें मझोले और छोटे कारोबारियों तथा किसानों के हितों का भी पूरा ख्याल रखा जाए। ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि ये छोटे उद्योग ही थे जो वैश्विक मंदी के दौर में भी अपना अस्तित्व बचाए रखने में कामयाब रहे थे। उस खतरनाक दौर में देश की अर्थव्यवस्था को इन्होंने ने ही मजबूत आधार दिया था। संघ प्रमुख ने कहा कि आर्थिक नीतियां तय करते समय उनमें रोजगार सृजन और उचित पारिश्रमिक को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सरकार को चाहिए कि वह लोगों में उद्यमिता को बढ़ावा दे।

इसके लिए उनके कौशल विकास में मदद करे। उन्होंने कहा कि गैस सब्सिडी, जनधन जैसी कई योजनाएं चली हैं लेकिन एक जगह अच्छा करें तो दूसरी जगह गड़बड़ न हो जाए। दूसरे देशों में इस तरह का चल जाता है। लेकिन भारत विविधताओं का देश है। यहां सबको साथ लेकर चलना होगा। संघ प्रमुख का यह बयान ऐसे समय आया है जबकि देश की आर्थिक नीतियों को लेकर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच घमासान चल रहा है। श्री सिन्हा ने नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंचने का हवाला देते हुए सरकार की आर्थिक नीतियों पर बड़े सवाल खड़े किए हैं।


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