किसान परिवार ने दी आत्मदाह की चेतावनी
पिछले कुछ समय से जनसुनवाई में अपनी समस्या को लेकर आत्मदाह और खुद को जान से मारने की धमकी देने का जैसा चलन सा बन गया है

विदिशा। पिछले कुछ समय से जनसुनवाई में अपनी समस्या को लेकर आत्मदाह और खुद को जान से मारने की धमकी देने का जैसा चलन सा बन गया है। प्रशासन ऐसे व्यक्तियों पर कार्यवाही भी कर सकता है। हालांकि यह बात अलग है कि पीड़ित पक्ष अपनी समस्या हल न होने की सूरत में इस प्रकार की प्रक्रिया को अंतिम विकल्प मानता है। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को जनसुनवाई में आया। जहां बासौदा के ग्राम गुदावल में कृषि भूमि को भाजपा नेता महाराजसिंह डाबरी के भाई कुंवर सिंह डाबरी द्वारा रातोंरात कब्जा करने और वहां पर पक्का निर्माण करने की शिकायत की गई है।
फरियादी विमल जैन पुत्र भागचंद जैन गुदाबल गंजबासौदा निवासी ने कलेक्टर के नाम एक लिखित ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने परिवार सहित 31 जुलाई को अपने खेत पर आत्मदाह करने की चेतावनी देते हुए अपनी समस्या बताई है। उन्होंने बताया कि वे पिछले 45 सालों से गुदाबल में खेती कर रहे हैं। सात साल पहले 19 जनवरी 2013 को रात के समय भाजपा के नेता महाराजसिंह डाबरी के भाई कुंवरसिंह डाबरी और उनके साथियों ने जेसीबी से फसल को उजाड़ दिया। रात में ही खेत के चारों ओर तार फेंसिंग कर टेंट लगा लिया। अपनी जमीन वापिस पाने के लिए विमल जैन सात सालों से लड़ाई लड़ रहे है।
इस दौरान तत्कालीन एसडीओपी, टीआई सहित प्रशासनिक अधिकारियों से भी शिकायत की गई, लेकिन हल नहीं निकला। बाद में उन्होंने इस बात की शिकायत केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्रसिंह तोमर, वित्तमंत्री जयंत मलैया, पर्यटन मंत्री सुरेन्द्र पटवा, कुरवाई विधायक आदि से मुलाकात कर अपनी फरियादी सुनाई थी, लेकिन हल अब तक नहीं निकल पाया है। इस विवाद को सुलझाने में और मानसिक अवसाद के कारण बेटों का धंधा भी चौपट हो गया। अब न तो जमीन है न ही धंधा। ऐसे में अंतिम रास्ता आत्मदाह का बचता है। जैन परिवार ने लिखित तौर पर 31 जुलाई दोपहर 12 बजे उसी विवादित भूमि पर आत्मदाह की चेतावनी देते हुए इसकी जिम्मेदारी प्रशासन पर डाली है।


