कान्टीनेन्टल कार्बन कंपनी फिर होगी बंद
अब इसे पर्यावरण की फिजा खराब करने का असर कहे या कुछ और लेकिन यह सच है कि मैसर्स कान्टीनेन्टल कार्बन इण्डिया लिमिटेड को सील करने की कार्रवाई खेल में तब्दील होती नजर आ रही है

गाजियाबाद। अब इसे पर्यावरण की फिजा खराब करने का असर कहे या कुछ और लेकिन यह सच है कि मैसर्स कान्टीनेन्टल कार्बन इण्डिया लिमिटेड को सील करने की कार्रवाई खेल में तब्दील होती नजर आ रही है। आलम यह है कि प्रदूषण विभाग की जांच रिपोर्ट के आधार पर इस कंपनी को प्रशासन ने बड़ी मशक्कत के बाद सील कर दिया था। सील होने के बाद कंपनी ने शासन को अर्जी देकर सील खोलने का अनुरोध किया।
कंपनी ने 15 दिन के भीतर सारे इंतजाम करने का लिखित आश्वासन दिया। शासन के आदेश पर कंपनी की सील खोल दी गई। शासन की जांच टीम ने 29 दिसम्बर को कंपनी का निरीक्षण किया तो प्रदूषण नियंत्रण के इंतजाम करने का आश्वासन हवाई निकला। जांच में पांच खामियां मिली। उत्प्रवाह शुद्धीकरण संयंत्र की आयल स्कीमर ईकाई क्षतिग्रस्त पाई गई एवं संचालित नहीं मिली। सेकेण्डरी क्लेरीफायर में अत्यधिक कार्बन फलाक्स सरफेस पर तैरता हुआ पाया गया।
ईटीपी की कुछ पाइप लाइन भी क्षतिग्रस्त पाई गई। उद्योग में स्थापित पॉचों रिएक्टरों से संबद्ध प्रत्येक चिमनी कर ऊंचाई बोर्ड मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई। मेन बैग फिल्टर्स एमबीएफ पर स्थापित दोनों चिमनियां क्षतिग्रस्त पाई गई। चिमनियों की ऊंचाई मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई।
इस उद्योग की उत्पादन प्रक्रिया में उच्च तापमान के कारण बैग फिल्टर्स के प्राय क्षतिग्रस्त होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में फलू गैस में कार्बन पार्टीकल्स के नियंत्रण हेतु कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। अब फिर से इसे सील करने का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी किया है। यह कंपनी लालकुआं के पास जीटी रोड पर है।


