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संघर्ष विराम उल्लंघन के बढ़ते मामलों पर कांग्रेस ने निशाना साधा

कांग्रेस ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर संघर्ष विराम के उल्लंघन के बढ़ते मामलों के लिए सरकार की आलोचना की और सरकार पर 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक उपयोग करने का आरोप लगाया

संघर्ष विराम उल्लंघन के बढ़ते मामलों पर कांग्रेस ने निशाना साधा
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर संघर्ष विराम के उल्लंघन के बढ़ते मामलों के लिए सरकार की आलोचना की और सरकार पर 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक उपयोग करने का आरोप लगाया। कांग्रेस प्रवक्ता प्रमोद तिवारी ने कहा, "राष्ट्रीय सुरक्षा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों तक सीमित रह गई है। संघर्ष विराम के उल्लंघन में पांच सौ गुना वृद्धि हो गई है।"

उन्होंने कहा कि 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनने के बाद से अब तक 2,474 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन हो चुका है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बना रही, वह केवल अपनी चिंता जाहिर कर रही है।

तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह द्वारा सोमवार को राज्यसभा में संबोधन के दौरान 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक को पहली सर्जिकल स्ट्राइक बताने के लिए उन पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, "उन्होंने ऐसा बोलकर प्रत्येक सैनिक का अपमान किया है। सर्जिकल स्ट्राइक में हिस्सा लेने वाले सभी सैनिक वीर थे लेकिन क्या 2016 से पहले युद्ध करने वाले सैनिक वीर नहीं थे?"

तिवारी ने कहा, "पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक हुई हैं लेकिन सुरक्षा कारणों से कभी इसका खुलासा नहीं किया गया। भाजपा सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है।"

जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में सैन्य शिविर पर 18 सितंबर 2016 को आतंकवादी हमले में 19 सैनिकों के शहीद होने के बाद भारतीय सैनिकों ने सीमापार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया था।

उरी हमले के कुछ ही दिनों के बाद 29 सितंबर को भारतीय सैनिकों ने नियंत्रण रेखा के पार जाकर विभिन्न आतंकवादी लांचपैड नष्ट कर दिए थे।


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