वर्तमान न्यायाधीश की देखरेख में हो एनएच - 74 घोटाले की सीबीआई जांच : प्रीतम सिंह
प्रीतम सिंह ने कहा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग-74 (एनएच 74) भूमि घोटाले एवं अधिकारी को जान से मारने की धमकी देने की सीबीआई से उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधाीश के देखरेख में जांच कराई जाये

देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग-74 (एनएच 74) भूमि घोटाले एवं अधिकारी को जान से मारने की धमकी देने की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधाीश के देखरेख में जांच कराई जाये। श्री सिंह ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार इस मामले की सीबीआई से जांच कराये जाने से क्यों बच रही है।
कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री सिंह ने केन्द्र एवं राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि एनएच 74 भूमि घोटाले में आखिर किन लोगों को बचाने का काम किया जा रहा है, इसका दोनों ही सरकारों को खुलासा करना होगा, कि आखिर वह कौन लोग है।
कांग्रेस अब इस मामले पर जनांदोलन शुरू करेगी।
एनएच 74 भूमि घोटाले की जांच करने वाले तत्कालीन आयुक्त डी. सैंथिंल पांडियन ने करोड़़ों रुपये का घोटाला का खुलासा किया और उसके बाद सरकार ने श्री पाडिंयन का स्थानांतरण कर दिया और कहा जा रहा है कि यह घोटाला कांग्रेस की सरकार के समय में हुआ है, यदि यह घोटाला कांग्रेस की सरकार के समय का है तो कांग्रेस तो शुरू से ही इस घोटाले की सीबीआई से जांच कराये जाने की मांग कर रही है।
लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है और विधानसभा सत्र के दौरान नेता सदन एवं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस घोटाले की सीबीआई से जांच कराये जाने का आश्वासन दिया लेकिन आज तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
उनका कहना है कि मुख्यमंत्री का सीबीआई से जांच कराये जाने का आश्वासन दिया गया लेकिन केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राज्य सरकार को एक पत्र लिखा कि इस प्रकार की जांच से अधिकारियों का मनोबल गिरता है और उनके कार्य में प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा कामकाज में बाधायें भी आती है।
उनका कहना है कि आज इस घोटाले का जिस अधिकारी ने पर्दाफाश किया है उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी जा रही है और सरकार को तत्काल उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा करनी चाहिए और एनएच 74 भूमि घोटाले एवं अधिकारी को जान से मारने की धमकी देने की सीबीआई से उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की देखरेख में जांच कराई जाये, क्योंकि केन्द्र सरकार आज सीबीआई, आईटी एवं आईडी का जिस प्रकार से प्रयोग कर रही है इससे सीबीआई की निष्पक्षता पर भी सवाल उठ रहे है इसलिए उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की देखरेख में इन दोनों मामलों की सीबीआई जांच कराई जाये।


