संसद की कैंटीन में नकदी का लेनदेन होगा बंद, प्रीपेड कार्ड से किया जायेगा भुगतान
संसद भवन में अब पार्टी कार्यालयों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कमरों में स्वल्पाहार या भोजन नहीं दिया जाएगा और लोगों को कैंटीन में आकर स्वयं भोजन करना होगा।

नयी दिल्ली। संसद भवन में अब पार्टी कार्यालयों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कमरों में स्वल्पाहार या भोजन नहीं दिया जाएगा और लोगों को कैंटीन में आकर स्वयं भोजन करना होगा। संसद की कैंटीन में बजट सत्र से नकदी का लेनदेन बंद होगा और इसकी जगह प्रीपेड कार्ड खरीद कर भुगतान करना होगा।
यह व्यवस्था सांसदों एवं अन्य अतिविशिष्ट लोगों के लिये भी होगी। संसद के केन्द्रीय कक्ष में भी सांसदों, पूर्व सांसदों एवं अन्य लोगों को खाने-पीने के सामान दिये जाने काे नियंत्रित किया जाएगा।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने यहां संसदीय सौध में नयी कैंटीन एवं मास्टर किचेन का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से संसदीय सौध में रेस्त्रां शैली वाली नई कैंटीन बनायी गयी है। उसी प्रकार से संसद के ग्रंथालय भवन, स्वागत काउंटर और मुख्य संसद भवन में सुविधापूर्ण कैंटीन व्यवस्था शुरू की जाएगी।
महाजन ने यह भी बताया कि संसद की कैंटीन को अब पूरी तरह से कैशलेस यानी नकदी रहित बनाया जाएगा। भारतीय स्टेट बैंक की मदद से पांच सौ रुपए मूल्य के प्रीपेड कार्ड जारी किये जाएंगे जिन्हें बार-बार रिचार्ज कराया जा सकेगा। ये कार्ड सांसद से लेकर सुरक्षाकर्मी तक, कोई भी ले सकेगा।
उन्होंने कहा कि संसद भवन के अधिकारियों, कर्मचारियों आदि के कमराें में काम की मेज़ पर खाने की प्लेट रखा देखना उन्हें पंसद नहीं है।
दोपहर का भोजन काल एक घंटे का होता है। अधिकारी कर्मचारी अपने कमरे या केबिन से निकल कर बाहर कैंटीन तक जा सकते हैं और वहीं खाना खा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह खाने के लिये रूम सर्विस को बंद कराएंगी।
उन्होंने कहा कि खाने पीने को लेकर नियंत्रण केवल अधिकारियों एवं मंत्रियों के केबिन में नहीं बल्कि संसद के केन्द्रीय कक्ष में भी होगा।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय कक्ष को वीआईपी कैंटीन नहीं बनने दिया जाएगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुख्य संसद भवन में किसी भी बदलाव के पहले विरासत समिति की अनुमति ली जाती है।
इसलिए उसकी अनुमति से पुरानी कैंटीन की जगह नयी कैंटीन विकसित की जाएगी।


