पटाखों पर प्रतिबंध: जमकर फूटे हिन्दू संगठन
सर्वोच्च न्यायालय में जब दिल्ली, एनसीआर में पटाखों की बिक्री के लिए पटाखे व्यापारियों की याचिका सुनी जा रही थी

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय में जब दिल्ली, एनसीआर में पटाखों की बिक्री के लिए पटाखे व्यापारियों की याचिका सुनी जा रही थी इसी दौरान हिन्दुओं के सबसे बड़े त्यौहार दीपावली के मौका पर पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने पर कई संगठनों ने रोष प्रकट करते हुए सर्वोच्च न्यायालय की ओर कूच किया। प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए यूनाइटेड हिन्दू फ्रंट के जयभगवान गोयल ने कहा कि हिन्दुस्तान में बहुसंख्यक हिन्दुओं के धार्मिक मामलों पर विभिन्न सरकारी एवं अर्धसरकारी संस्थाओं का यह रवैया असहनीय है।
दीपावली पर पटाखों को छोडऩे की सदियों पुरानी परम्परा को सर्वोच्च न्यायालय ने एकाएक रोक लगाकर जहां हिन्दुओं की आस्था पर ही नहीं कुठाराघात किया बल्कि लाखों-करोड़ो रूपए लगाकर दीपावली पर पटाखे बनाने, बेचने वालों के पेट पर लात मारी है। उन मजदूर व व्यापारियों का क्या दोष है जो इस व्यापार में शामिल हैं। अब उनक ी रोजी रोटी व नुकसान की भरपाई कौन करेगा श्री गोयल ने प्रश्न किया कि क्या यहीं प्रतिबंध मुस्लमानों के त्यौहारों पर लगाने की जुर्रत कोई संस्थान कर सकता है। मात्र हिन्दुओं को ही बलि का बकरा बनाना समझ से परे है।
उन्होंने कहा कि दीपावली पर हिन्दुओं द्वारा अपना पर्व मनाने पर एक ही दिन में प्रदूषण फैल जाएगा, यह तर्कसंगत नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय का स्पष्ट मंतव्य हिन्दुओं को नीचा दिखाना है, प्रदूषण तो मात्र बहाना है। श्री गोयल ने सर्वोच्च न्यायालय से अपील की कि हिंदू धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए पटाखों की बिक्री पर लगाई रोक अविलम्ब वापिस ली जाए। प्रदर्शन में अनेक शीर्षस्थ हिन्दू नेता साधू महात्मा एवं मठाधीश भी सम्मिलित हुए।


