बिल्डरों के 25 प्रोजेक्टों के दूसरे फेस का शुरू हुआ ऑडिट
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने फेस-एक में 25 बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट होने पर उनके रिपोर्ट आने पर प्राधिकरण अब उस पर मंथन कर रहा है

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने फेस-एक में 25 बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट होने पर उनके रिपोर्ट आने पर प्राधिकरण अब उस पर मंथन कर रहा है। फेस-एक में करीब 61 हजार फ्लैट है। ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर बिल्डरों को प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए दो विकल्प तैयार कर रहा है।
प्राधिकरण फेस-दो में 25 प्रोजेक्ट का भी ऑडिट शुरू कर दिया है। ऑडिट कर एजेंसी को तीन सप्ताह में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। इसमें करीब 18513 फ्लैट का नक्षा प्राधिकरण ने मंजूर किया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी बीके त्रिपाठी ने बताया कि फेस-एक में जिन 25 बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट रिपोर्ट आया है। जिसकी पूरी सूची तैयार की जा रही है। जिसमें ऐसे बिल्डरों के प्रोजेक्ट में कुछ टॉवर में सात से आठ फ्लैट की बुकिंग हुई है। प्राधिकरण अब इस विकल्प पर विचार कर रहा है जिसमें टॉवर में कुछ ही फ्लैट बुक हुए उन्हें एक ही टॉवर में शिफ्ट कर दिया जाए। इससे बिल्डरों को जिन निवेशकों ने फ्लैट बुक कराया है उसे टॉवर का निर्माण कार्य पूरा कर कब्जा देने में आसानी होगी।
बिल्डर जिस टॉवर का निर्माण नहीं कर पाएंगे है उसे को-डवलपर्स के माध्यम से टॉवर का निर्माण कराया जाएगा। ग्रेटर नोएडा में करीब 104 बिल्डर के प्रोजेक्ट संकट की स्थिति में फंसे हुए है। जिसमें करीब एक लाख 32 हजार फ्लैट है। सबसे ज्यादा संकट फंसे प्रोजेक्ट का ऑडिट पहले कराया जा रहा है। 25-25 प्रोजेक्ट का चयनित कर उनका फेस के हिसाब से ऑडिट कराया जा रहा है। दूसरे चरण में 25 बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट शुरू हो गया है।
उनका ऑडिट रिपोर्ट तीन सप्ताह में आ जाएगा। अगर कोई बिल्डर प्रोजेक्ट का हिसाब नहीं दे पता है कि उसने कितने फ्लैट बुक कराए और पैसा कहां लगाया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दूसरे चरण का ऑडिट पूरा होने के बाद तीसरे चरण का ऑडिट कराया जाएगा। ऑडिट के दौरान यह भी देखा जा रहा है कि बिल्डरों ने निवेशकों से पैसा लेकर उसे कहा पर लगाया है। जो बिल्डर इसका जवाब नहीं दे पा रहे है उनकी सूची भी तैयार की जा रही है। ऑडिट के बाद ऐसे बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कुछ बिल्डरों ने निवेशकों का पैसा लग्जरी गाड़ी में लगाया
पहले फंसे में जिन 25 बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट हुआ है। उसमें यह निकल कर आया है कि बिल्डरों ने निवेशकों से पैसा लेकर अपनी शानो शौकत में खर्च किया है। उसमें उन्होंने निवेशकों के पैसे से लग्जरी गाड़ियां भी खरीद है। यानी बिल्डरों ने निवेशकों के पैसे पूरी मौज मस्ती की लेकिन प्रोजेक्ट पूरा कर निवेशकों को फ्लैट पर कब्जा दिलाने की कोई रूचि नहीं दिखाई।
इसकी वजह से उनका प्रोजेक्ट संकट में फंस गया है। प्राधिकरण के एसीईओ बीके त्रिपाठी ने बताया कि ऐसे बिल्डरों की सूची तैयार की जा रही है, उनके खिलाफ प्राधिकरण कठोर कार्रवाई के लिए कदम उठा सकता है।


