फरार बंदियों को गिरफ्तार करने की कार्ययोजना बनाए
राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिये कि जेलों से फरार बंदियों को तत्काल गिरफ्तार करने की कार्ययोजना तैयार करें

जयपुर। राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिये कि जेलों से फरार बंदियों को तत्काल गिरफ्तार करने की कार्ययोजना तैयार करें।
श्री कटारिया आज यहां सचिवालय स्थित अपने कक्ष में जेल विभाग की मासिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि गत चार सालों में सात कारागारों से 16 बन्दी फरार होकर भागे थे। उनमें 15 कैदी पुलिस द्वारा पकड़ लिये गये है तथा एक बन्दी अभी भी फरार है। उन्होंने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिये कि उस फरार बंदी के लिये सम्बन्धित पुलिस अधीक्षक से सम्पर्क कर गिरफ्तारी की कार्यवाही सुनिश्चित करायें।
उन्होंने बताया कि 2009 से 2014 तक 95 कैदी फरार हुए थे, उनमेें से 90 कैदियों को पकड़ लिया गया है तथा 5 कैदी पहले के तथा एक कैदी अभी का फरार है। उन्होंने जेल विभाग के अधिकारियों को निर्देश दियेे कि जेलों में बंदियों की बैरकों के निर्माण में गति लावें तथा जिन जेलों में बैरकों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया हैं, उनमें बंदियों को स्थानान्तरित करने की कार्यवाही करें।
उन्होंने 24 जेलों के 40 बन्दी बैरकों के निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए कहा कि जिन 33 बैरकों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है उन्हें शीघ्र अपने कब्जे में लेकर बंदियों की रहने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्हाेंने जेलों में कार्मिकों की कमी, प्रहरी भर्ती एवं विभागीय जांच विषयों पर विस्तृत चर्चा करते हुए इन बिन्दुओं पर शीघ्र उचित कार्यवाही करने के निर्देश जेल अधिकारियों काे दिये।
श्री कटारिया ने बंदियों की पेशियों की संख्या का प्रतिशत बढ़़ाने पर जोर देते हुए कहा कि जिन बंदियों की लम्बे समय से पेशी नहीं हो पा रही है, उन्हें चिन्हित कर उनकी समय पर पेशी करवाना सुनिश्चित करें।
कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक कारागार सुनील मेहरोत्रा ने कारागार भवनों एवं बैरकों की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि उदयपुर जिले केे सागवाडा, डूंगरपुर, राजसमन्द, अजमेर जिले के नागौर एवं भीलवाडा, भरतपुर जिले के डीग, बयाना, जयपुर जिले के किशनगढबास जेलों में क्षमता से अधिक बन्दियों को रखा जा रहा है। इस पर श्री कटारिया ने कहा कि इसके निस्तारण के लिये प्रभावी कार्ययोजना बनाएं।


