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कृषि संकट बढ़ाने वाला निराशाजनक बजट : डॉ सुनीलम

मोदी जी के न्यू इंडिया और विकास की परिकल्पना में किसान का कोई स्थान नहीं

कृषि संकट बढ़ाने वाला निराशाजनक बजट : डॉ सुनीलम
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नई दिल्ली। किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष, जनांदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय के राष्ट्रीय संयोजक, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम एवं सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) मध्यप्रदेश के अध्यक्ष रामस्वरूप मंत्री ने आम बजट को किसानों के लिए निराशाजनक बजट बताते हुए कहा हैकि किसानों को कर्ज़ा मुक्त करने, लागत से डेढ़ गुना समर्थन मूल्य पर खरीद का बजट में कोई प्रबंध नहीं किया गया है जिसके चलते कृषि संकट बढ़ेगा, किसानों की आत्महत्याएं बढ़ेंगी।

नेताद्वय ने कहा कि वित्त मंत्री नेप्रीमियम आन आनेस्टी और ईज आफ डूइंग बिज़नेस, ईस ऑफ लिविंग को भारत का मूल सोच बताते हुए कहा है कि एक दिन में कंपनी रजिस्टर होंने का दावा किया लेकिन एक दिन में सभी कृषि उत्पाद लागत से डेढ़ गुना समर्थन मूल्य पर मंडियों में खरीद लिए जाएंगे, यह वायदा करने से भी पीछे हट गए।

उन्होंने कहा कि लागत से डेढ़ गुना किसानों को दिया जा रहा है और खरीफ़ में दिया जाएगा, उन्होने न तो लागत किस आधार पर तय की जाएगी यह बताया और न ही सरकार खरीदी करेगी या भाव का अंतर सुनिश्चत करेगी यह घोषणा की। फसल बीमा का मुआबजा, नुकसानी का मुआबजा,भंडारण, किसान पेंशन हेतु आवश्यक राशि का इंतजाम नहीं किया है।

सरकार ने किसानों को अधिक कर्ज़दार बनाने की घोषणा की है, जरूरत महंगाई के साथ किसान की आयबढ़ाने की थी,उसको कर्ज़दार बनाने की नहीं।

बजट में जब देश के राष्ट्रपति को 5 लाख प्रति माह देंने का प्रावधान किया गया है तबकम से कम 25 हज़ार किसान परिवार की आय सुनिश्चित करने के प्रावधान बजट करनेचाहिए थे, जो नहीं किया गया।

किसानों की आबादी 65 प्रतिशत है उसको बजट का 2 प्रतिशत भी आवंटित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि बजट से यह स्पष्ट हो गया है कि मोदी जी केन्यू इंडिया और विकास की परिकल्पना में किसान का कोई स्थान नहीं है।


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