100 करोड़ रुपये से नैमिषारण्य का किया जाएगा विकास : योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने लुप्त होती जा रही भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने का काम जारी रखने का संकल्प लेते हुए तीर्थस्थल नैमिष के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की

सीतापुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लुप्त होती जा रही भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने का काम जारी रखने का संकल्प लेते हुए तीर्थस्थल नैमिष के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की।
श्री योगी नैमिषारण्य में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय ज्ञान सत्र ‘नैमिषेय शंखनाद’ का आज समापन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस धर्मस्थल को पयर्टन के मानचित्र पर लाया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा लुप्त होती जा रही भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने का कार्य किया जा रहा है। हमारी संस्कृति ने अनादि काल से भारत को जोड़े रखा है। इसलिए अपनी संस्कृति को यथावत बनाये रखने के लिये उनकी सरकार कटिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि नैमिषारण्य का अस्तित्व हजारों वर्षाें से है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि यहां की जनता ने बहुत लम्बे समय से नैमिषारण्य की महत्ता बनाये रखने में अपना योगदान दिया है। पुराणों में इसे मानवीय सर्जना का केन्द्र और पुण्य भूमि कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नैमिष के लोग अपनी पुरानी विरासत को समेटे हुए हैं। संस्कृति संरक्षण तथा इस स्थल के विकास के दृष्टिगत राज्य सरकार ने एक कार्ययोजना बनायी है। जिसके तहत नैमिष के विकास के लिये करीब 100 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। नैमिष व मिश्रिख के विकास के लिये इस धन का प्रयोग होगा। इसके तहत ललिताकुण्ड के विकास पर लगभग 69 लाख रुपये का व्यय किया जाएगा। इसी प्रकार लगभग 2.13 करोड़ रुपये से आरोग्य पार्क तथा 11.12 करोड़ रुपये व्यय करके राजघाट रिवरफ्रण्ट को विकसित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि रुद्रव्रत स्थल के विकास पर लगभग 3.9 करोड़ रुपये एवं चक्रतीर्थ के विकास पर लगभग 2.61 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसी क्रम में 38.91 लाख रुपए की धनराशि से ठाकुर गेट का विकास एवं 7.9 करोड़ रुपये से देवदेश्वर स्नान घाट के विकास की योजना बनायी गई है। काशीकुण्ड के विकास पर लगभग 94 लाख रुपये तथा दधीचिकुण्ड के विकास पर लगभग 9.36 करोड़ रुपए का व्यय होगा।


