कोलकाता, 19 सितम्बर । पश्चिम बंगाल की प्रमुख विपक्षी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि सत्ताधारी वाम मोर्चा मुआवजा पैकेज स्वीकार करने के लिए सिंगुर के किसानों पर दबाव डाल रहा है। तृणमूल कांग्रेस के नेता पार्था चट्टोपाध्याय के मुताबिक सिंगुर के दो किसान रबी घोष और रतन घोष को वाम मोर्चे के समर्थकों ने शुक्रवार सुबह इसलिए पीटा क्योंकि उन्होंने सरकार की ओर से घोषित मुआवजे का पैकेज स्वीकार करने से मना कर दिया था। चट्टोपाध्याय शुक्रवार को कोलकाता में राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा, ''उन दोनों पर नैनो संयंत्र के लिए अधिग्रहित उनकी जमीन के लिए सरकार की ओर से घोषित मुआवजे के नए पैकेज को स्वीकार करने के लिए दबाव डाला गया।''उन्होंने कहा, ''हमने राज्यपाल को राज्य में फैले अराजकता के बारे में सूचित किया है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सिंगुर के ग्रामीणों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है, ताकि वे भयवश पैकेज व चेक स्वीकार कर लें।''सिंगुर के 17 किसानों ने हाल ही में सरकार की ओर से घोषित मुआवजा पैकेज अस्वीकार कर दिया था। ममता ने बुधवार को संकेत दिया था कि जिन किसानों ने अधिग्रहित जमीन के लिए मुआवजे का चेक ठुकरा दिया है, उनकी जमीन उन्हें वापस दिलाने की मांग को लेकर वे किसानों का आंदोलन फिर से तेज करेंगी। उधर सरकार ने मुआवजे की राशि अब तक स्वीकार नहीं करने वाले किसानों को 10 प्रतिशत ज्यादा राशि देने की पेशकश कर रखी है। इसके लिए 22 सितंबर तक समय सीमा निर्धारित किया गया है। सकार ने वैसे किसान परिवारों के एक सदस्य को नौकरी देने का भी वादा किया है, जिनकी जमीन नैनो परियोजना के लिए ली गई है और जिनके पास आमदनी का कोई दूसरा साधन नहीं है। कोलकाता से लगभग 40 किलोमीटर दूर हूगली जिले के सिंगुर में नैनो परियोजना के लिए सरकार ने कुल 997.11 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। लेकिन तृणमूल कांग्रेस और किसानों के संगठन कृषि जमीं जिबिका रक्षा कमेटी (केजेजेआरसी) का कहना है कि इसमें से 400 एकड़ जमीन किसानों से उनकी मर्जी के खिलाफ ली गई है, लिहाजा यह जमीन उन्हें लौटा दी जानी चाहिए।