वाशिंगटन, 19 सितंबर । भारत अमरीका असैनिक परमाणु करार पर छाई अनिश्चितता के बीच सीनेट की विदेशी मामलों की समिति ने संकेत दिया है कि शीर्ष अमेरिकी सांसदों में करार को 26 सितंबर तक चलने वाले कांग्रेस के मौजूदा सत्र में ही मंजूरी दिलाने की दृढ़ इच्छा है।विदेशी मामलों की समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष क्रिस्टोफर डाड ने कहा- मेरा विचार है कि इसके महत्व को देखते हुए समझौते को मंजूरी दिलाने की दश्ढ़ इच्छा है। कनेक्टीकट के सीनेटर ने कहा- कुछ सदस्यों को निश्चय ही कुछ आपत्तियां हैं। यह मौका अपने साथियों से यह कहने का है कि वे इस विचार को मंजूर या नामंजूर करें। समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष की हैसियत से मैं अपने साथियों और सदस्यों से ऐसा करने का आग्रह करूंगा। डाड ने गुरुवार को सीनेटर जो बिडेन की अनुपस्थिति में सीनेट की इस समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बिडेन डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर फिलहाल पचार अभियान में जुटे हैं। अमेरिका कोशिश करेगा, ईंधन आपूर्ति होती रहेबुश पशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका सुनिश्चित करेगा कि भारत को परमाणु ईंधन की उचित एवं स्थिर आपूर्ति मिले और इसमें कोई व्यवधान आने पर अमेरिका वह सब करने के लिए कश्तसंकल्प है जो वह कर सकता है। अमोरिका के उपमंत्री एवं राजनीतिक मामलों के पभारी विलियम बर्न्स ने सीनेट की विदेशी संबंध समिति में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से 123 समझौते में दर्ज पतिबद्धताएं दश्ढ़ एवं महत्वपूर्ण हैं। राष्ट्रपति ने अंतरण पत्र में स्पष्ट कर दिया है कि वे राजनीतिक पतिबद्धताएं हैं लेकिन हम भारत को ईंधन की एक उचित एवं स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करने की कोशिश में मदद करने के लिए कश्तसंकल्प हैं। बर्न्स ने कहा- अगर कोई व्यवधान हो मसलन व्यापार विवाद या कोई व्यवासायिक कंपनी इन आवश्यकताओं को पूरा करने में असफल रहती है तब ऐसे मामले में हम हर कुछ करने के लिए कश्तसंकल्प हैं। अमेरिकी विदेश उपमंत्री ने यह बात तब कही जब समिति के कार्यकारी अध्यक्ष क्रिस डाड ने उनसे भारत को परमाणु ईंधन की आपूर्ति से संबंधित आश्वासनों के बारे में पूछा।